Wednesday 12 February 2014

सर्वनियन्ता = सबको वश में करनेवाला


मेरी ख्वाहिश थी 
मुझे माँ कहने वाले ढेर सारे होते 
मेरी हर बात धैर्य से सुनते 
मुझे समझते 
ख्वाहिश पूरी हुई फेसबुक पर 
(((((((((((((((((((सभी♥मैं)))))))))))))))))))
किसी ने कहा 
सखी 
बुई
ताई
बड़ी माँ
चाची
भाभी
दीदी 
दीदी माँ 

दीदी माँ तो कानो में शहनाई सी ,
धुन लगती है .....

यही बात आज मैं ने फूलो से भी कहा 


सभी को अपने बांहों के घेरे में लेकर बताना चाहती हूँ .....



एक सदोका

{5/7/7/5/7/7}

विभा निखरे
कांटे संग बिहंसे
बिखर पूर्ण रहे
गुलाब गेंदा
वरेश परितुष्ट
व्याकुलता परास्त ।


विभा = शोभा 





4 comments:

  1. सुन्दर पुष्प, महकाते वातावरण

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर फूलों के साथ ....

    ReplyDelete
  3. लाजबाब,फूलो के साथ सुंदर प्रस्तुति...!
    RECENT POST -: पिता

    ReplyDelete
  4. आदरणीय ताई जी, को सादर प्रणाम
    विभा निखरे
    कांटे संग बिहंसे
    बिखर पूर्ण रहे
    गुलाब गेंदा
    ....सुंदर फूलों के साथ तस्वीर बहुत ही सुंदर लगी

    ReplyDelete

आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

नेति नेति —अन्त नहीं है, अन्त नहीं है!

नेति नेति {न इति न इति} एक संस्कृत वाक्य है जिसका अर्थ है 'यह नहीं, यह नहीं' या 'यही नहीं, वही नहीं' या 'अन्त नहीं है, अ...