Thursday 5 September 2013

सच है ....

Animated clip art image of open ocean waves in the water with a glimpse of land in the distant horizon



सच है ....

कोई अपना दर्द उधेड़ता है
तो आख़िरकार
सब के हंसने का सबब बनता है .....

 नाज़ बनाए रखो
बंद मुट्ठी लाख की
खुल जाए तो खाक की .....

जो बचा न सके साख
खोखली साख की ....
जिनकी खुल गई मुट्ठी
लगा सकोगे अंदाज़ा दर्दे दिल की
छटपटाहट जीने के जुनून की ....

ज़िंदगी को बदलने में
 वक़्त नहीं लगता
पर कभी-कभी
वक़्त को बदलने में
ज़िंदगी लग जाती है ....

जो होता है अच्छे के लिए होता है ....

11 comments:

  1. Nice www.hinditechtrick.blogspot.com

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  2. पीड़ा अपनी मन में पोषित,
    दुख संवेग न जाने कोय।

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  3. ज़िंदगी को बदलने में
    वक़्त नहीं लगता
    पर कभी-कभी
    वक़्त को बदलने में
    ज़िंदगी लग जाती है ....

    शानदार।।।

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  4. नाज़ बनाए रखो
    बंद मुट्ठी लाख की
    खुल जाए तो खाक की .....

    सहजता से कितनी गहरी बात कह दी आपने
    अदभुत-----

    सादर
    "ज्योति"

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  5. सच है .......जो होता है अच्छे के लिए होता है .

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  6. ज़िंदगी को बदलने में
    वक़्त नहीं लगता
    पर कभी-कभी
    वक़्त को बदलने में
    ज़िंदगी लग जाती है ....bahut badi aur gahan baaten wayakt kar diya vibha jee ..in panktiyon ke madhayam se ....

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  7. सुंदर रचना...
    आप की ये रचना आने वाले शनीवार यानी 7 सितंबर 2013 को ब्लौग प्रसारण पर लिंक की जा रही है...आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है... आप इस हलचल में शामिल अन्य रचनाओं पर भी अपनी दृष्टि डालें...इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है...



    कविता मंच[आप सब का मंच]


    हमारा अतीत [जो खो गया है उसे वापिस लाने में आप भी कुछ अवश्य लिखें]

    मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]

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  8. शानदार।।।भावो का सुन्दर समायोजन....

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  9. ज़िंदगी को बदलने में
    वक़्त नहीं लगता
    पर कभी-कभी
    वक़्त को बदलने में
    ज़िंदगी लग जाती है ....


    बहुत अच्छी लगी ये पंक्तियाँ.

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  11. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

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